तुम्हारे मोहब्बत से जिंदगी में बदलाव आया है परेशानियों से निजात दिल में सुकून आया है उजाले का उम्मीद छोड़ चुके थे मुझमें जीने का जुनून आया है मेरे बेताबी का मर्म जानती हो मैं कैसा हूं कर्म जानती हूं तुम बात आगे बढ़ाओ इजहार कर नहीं पाऊंगा अच्छे से मेरा शर्म जानती हो वक्त की करवट ने इश्क करना सिखा दिया उसकी चाहतों ने समझना सिखा दिया उदासी के दिन गुजर गए खुशियों में जीना सिखा दिया तुम्हारे प्यार के रास्ते जिंदगी का सही मुकाम मिला है खुशनसीब हूं मन मुताबिक यार मिला है उदास मन के गलियारों में खुशियों का फूल खिला है जिंदगी में मोहब्बत का रंग भरने लगा हूं बहका हुआ था संभलने लगा हूं चाहतों में कोई कसर बाकी नहीं है खुशियों की नजाकत समझने लगा हूं
Writer Manoj Kumar gorakhpur Hindi shayari हिंदी शायरी shayari sangrah शायरी संग्रह