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Love shayari

वो आजकल मुलाकात करने से कतराने लगी है ऐसा लगता है कहीं और गुल खिलने लगी है पूछता हूं ए बर्ताव कैसा है तो अपनी मुस्कान में कुछ राज छुपाने लगी है