वो आजकल मुलाकात करने से कतराने लगी है ऐसा लगता है कहीं और गुल खिलने लगी है पूछता हूं ए बर्ताव कैसा है तो अपनी मुस्कान में कुछ राज छुपाने लगी है
कभी कभी खुद से रूठ जाते हैं मुश्किल भरी जिंदगी से टूट जाते हैं हैरान हूं अपनों की बेवफाई देखकर लोग कैसे इंसानियत भूल जाते हैं मोहब्बत नहीं है तो इंकार कर दो जैसे तैसे दिल को समझने की कोशिश करूंगा जो मेरा नहीं है उसके लिए लड़ाई करके भी क्या करूंगा Love shayari हर पल मेरे ख्वाबों खयालों में रहने लगी हो बेहद प्यार करने लगा हूं हमसफर बन जाओगी हर तमन्ना पूरी हो जाएगी ऐसे वक्त का बेसब्री से इंतजार करने लगा हूं