कहते हैं इंसान की पहचान उसकी शक्ल सूरत से नहीं बल्कि उसके किए हुए कर्मों से मिलती है इंसान को उसके किए हुए कर्मों के अनुसार ही सम्मान मिलता है अपनी सोच के मुताबिक और अपनी मेहनत के दम पर अपनी मंजिलों तक पहुंचता है
1. अभी से थक चुके हो अभी तुम्हें आसमान छूना है गिरते हैं सिर्फ वह लोग जो चढ़ने की कोशिश करते हैं खुशनसीब हो कि तुमने ऊंचाइयों पर चढ़ने की कोशिश तो की है