मेरे दिल के नजदीक होने लगी है महसूस होने लगा है मुकद्दर बदलने लगी है आजकल हर मंजर से खुशियों की आहट मिलने लगी है आज अकेले में मुलाकात हो गया है मन की ख्वाहिशों का इजहार हो गया है अपनी अदाओं से दिल का करार इस तरह लूटा है मुझे हद से ज्यादा प्यार हो गया है उम्र भर यूं ही प्यार करता रहूंगा तुम्हारी खुशी जिसमें छुपी हो वही काम करता रहूंगा जिंदगी का हर लम्हा साथ रहकर जीना चाहता हूं तय कर लिया है अब सभी सुख दुख में शामिल रहूंगा मेरे जिंदगी के अच्छे दिन आ गए जिसकी चाहत थी उसका साथ पा गए खुशनसीब हूं संस्कारी हमसफर का हाथ पा गए
Writer Manoj Kumar gorakhpur Hindi shayari हिंदी शायरी shayari sangrah शायरी संग्रह